
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा ने पॉलीटेक्निक संस्थानों के सुगम और दुर्गम कोटिकरण के दौरान अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कोटिकरण के दौरान बरती गई अनियमितताओं के जांच की मांग की है। बुधवार को अस्पताल रोड स्थित कैंप कार्यालय में मीडिया रूबरू होते हुए मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ नेगी ने कहा कि प्रदेश के कुछ खास राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में कार्यरत प्रधानाचार्य, प्राध्यापकों और निदेशालय के कुछ खास अधिकारियों को सुगम क्षेत्र में ही बनाए रखने के लिए सुगम, दुर्गम कोटिकरण के दौरान बड़ा खेल खेला जा रहा है। चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए सुगम को फिर दुर्गम और दुर्गम को सुगम श्रेणी में बदला जाता है। जबकि सिफारिश विहीन प्रधानाचार्य और प्राध्यापक वर्षों से दुर्गम और अति दुर्गम स्थानों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कहा कि प्राविधक शिक्षा निदेशालय श्रीनगर (पौड़ी) के अधिकारी भी देहरादून में डेरा डाले हुए हैं। हैरानी की बात है कि वर्ष 2021 के कोटिकरण के आधार पर प्राविधिक शिक्षा निदेशालय श्रीनगर और पॉलीटेक्निक संस्थान श्रीनगर को 2022 में दुर्गम श्रेणी में दर्शाया गया है, जबकि वर्ष 2018 में इसे सुगम श्रेणी में दर्शाया गया था। इसी तरह रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चंपावत के सुगम पॉलीटेक्निक संस्थानों को अब दुर्गम श्रेणी में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जन संघर्ष मोर्चा अधिकारियों के इस सुगम, दुर्गम के खेल को समाप्त करने के लिए शासन में दस्तक देगा। इस दौरान ओपी राणा, मुकेश पसबोला आदि मौजूद रहे।