रुड़की। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंक कर्मचारियों की दो दिन की हड़ताल शुरू हो गई। हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर निजी बैंकों को भी बंद कराया। रुड़की में हड़ताल से करीब 300 करोड़ का लेनदेन प्रभावित होने का अनुमान है।
केंद्र सरकार पर बैंकों का निजीकरण करने, लेबर लॉ संशोधन बिल और केंद्र की बैंकिंग नीति के खिलाफ कई बैंक कर्मचारी संगठनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने दो दिन की हड़ताल की घोषणा की थी। हड़ताल के पहले दिन बैंक अधिकारी-कर्मचारियों ने पुराना रेलवे रोड स्थित केनरा बैंक की शाखा पर प्रदर्शन किया। बैंक कर्मचारी नेता मन्नू माकिन, अनिल अग्निहोत्री, विशाल गुप्ता ने कहा कि सरकार लगातार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति यही रही तो वह दिन दूर नहीं है जब बैंकों को दिवालियेपन का शिकार होना पड़ेगा। अगर बैंक प्राइवेट हो जाते हैं तो एक ओर बैंकों के अधिकारी-कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे, वहीं दूसरी तरफ बैंकों में ग्राहकों का पैसा भी असुरक्षित हो जाएगा। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जिस तरह किसान आंदोलन के सामने सरकार को झुकना पड़ा, उसी तरह बैंक अधिकारी-कर्मचारियों के विरोध के सामने भी सरकार को झुकना पड़ेगा। बैंक कर्मचारियों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह अनिश्चितकालीन हड़ताल करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। बैंक कर्मियों ने निजी बैंकों में जाकर उन्हें बंद कराया। बैंक कर्मचारी नेता मन्नू माकिन और विशाल गुप्ता ने बताया कि रुड़की क्षेत्र में करीब 300 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ है। कैश, चेक क्लीयरेंस नहीं हो पाए। हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रहेगी। कुछ एटीएम भी बंद रहे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि बैंक अधिकारी भी दो दिन की हड़ताल में शामिल हैं। इससे एटीएम के लिए भी कैश जारी नहीं हो पाया।