हादसे के बाद सरकार ले रही सुध
देहरादून। प्रदेश की राजधानी दून गढ़ी कैंट क्षेत्र में बीरपुर इलाके में शुक्रवार को पुल टूटने के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। खतरनाक हो चुके पुलों को ठीक करने और नये पुल बनाने की कवायद भी सरकार ने तेज कर दी है। लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने ऐसे सभी पुलों के डाटा इकट्ठा करके उनकी डीपीआर बनाने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। राज्य में इस वक्त लगभग 229 जर्जर पुल हैं।
लोक निर्माण विभाग के अपर सचिव ओमप्रकाश ने तमाम अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से डीपीआर बनाने को कहा है। अपर सचिव का कहना है कि जितने भी पहाड़ी जनपद है वहां आपदा की वजह से पुल जर्जर हो गए हैं और कुछ बारिश-भूस्खलन के दौरान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन सभी की मरम्मत करके इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन बड़े वाहनों के आने-जाने से उन पुलों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। इसलिए इसे गंभीरता से लेना जरूरी है।
विभाग द्वारा तमाम अधिकारियों से इकट्ठे किये गए जर्जर पुल के आंकड़े चैंकाने वाले हैं। इसमें उत्तरकाशी में 23, पौड़ी में 24, टिहरी में 19, चंपावत में 04, उधम सिंह नगर में 01, अल्मोड़ा में 24, देहरादून में 08, पिथौरागढ़ में 28, बागेश्वर में 16, रुद्रप्रयाग में 13, चमोली में 50, नैनीताल में 19 पुल खतरनाक हो चुके हैं।
सबसे ज्यादा खतरनाक हो चुके पुल में चमोली जिले सबसे आगे है। चमोली के इन पुलों से होते हुए ही चारधाम यात्रा भी चलती है और भारत चीन सीमा के लिए भी इन्हीं पुलों से होकर सेना को गुजरना पड़ता है। ऐसे में लगभग 50 पुल चमोली में होने की वजह से जल्द से जल्द इनकी मरम्मत या फिर नये पुलों को बनाने की कवायद राज्य सरकार करने जा रही है।
बता दें कि देहरादून में शुक्रवार को बीरपुर में पुल गिरने की वजह से न केवल 50 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया है बल्कि इस घटना में दो लोगों की मौत भी हुई है।