परमार्थ निकेतन में वेद मंत्रों का उच्चारण कर की सभी के कल्याण की कामना | Jokhim Samachar Network

Saturday, April 20, 2024

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परमार्थ निकेतन में वेद मंत्रों का उच्चारण कर की सभी के कल्याण की कामना

ऋषिकेश । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर आज 5 बजे परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में परमार्थ परिवार के सदस्यों ने शंख, घंटी, थाली, और तालियाँ बजाकर कोरोना वायरस, कोविड-19 के खिलाफ अद्म्य साहस के साथ रातदिन अपनी और अपने परिवार की परवाह किये बिना सेवा कार्य कर रहे डाॅक्टर्स, नर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी, मीडियाकर्मी और इस महामारी के समय कार्य कर रहे अन्य सभी का सम्मान और सभी की सेवा को नमन कर विश्व परिवार के स्वास्थ्य की कामना की।
 परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में लगभग पूरा विश्व कोरोना वायरस, कोविड- 19 महामारी से जूझ रहा है। भारत के यशस्वी और ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतवासियों की सुरक्षा के लिये सही समय पर सही निर्णय लिया ताकि हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकंे। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि भारत सरकार और राज्य सरकार जो भी निर्देश दे उसका पूरी निष्ठा से पालन करंे जिससे यह महामारी व्यापक रूप न ले सके। इससे न डरें, न घबरायें बस हिम्मत के साथ अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिये घर पर ही रहें। आप अपने लिये एक है परन्तु अपने परिवार के लिये बहुत कीमती हैं। इसलिये इस देश में कोरोना महामारी से लड़ने के लिये जो भी नियम बनायें जा रहे हंै उसका पालन करंे, स्वच्छता का ध्यान रखें। यह मौका है हम सभी के पास अपनी ओर मुड़ने का, अपने लिये और अपनों के लिये जीने का। अन्तरमुखी बनें क्योंकि अन्तरमुखी सदा सुखी और अन्तरयात्रा सबसे बड़ी यात्रा। स्वामी जी ने कहा कि यह समय बाहर की यात्रा का नहीं बल्कि भीतर की यात्रा का है। नेचर (प्रकृति) के अनुसार अपने नेचर (स्वभाव) को बदलें अपनी जीवन शैली को बदलें। कोरोना द्वारा यही प्रकृति का संदेश है। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि विश्व परिवार के हमारे भाई-बहन जो इस बीमारी से चपेट में है उन सभी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये प्रार्थना करंे। कोविड-19 को हराने के लिये हमें स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना है और जितना सम्भव हो सके घर में रहंे। सभी ने मिलकर महामृत्युजंय मंत्र का जप किया तथा विश्व कल्याण की प्रार्थना की।

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