मैं आपको कोई सुनी सुनाई बात नहीं बताऊंगा। मैं अपना देखा हुआ अनुभव आपके साथ साझा करूंगा। वैसे इसके दो घरेलू रामबाण उपाय हैं। गिलोई की टहनी और पपीते के पेड़ के पत्ते। मेरा अनुभव पपीते के पेड़ के पत्ते के साथ का है।तो बात उन दिनों की है जब मैं अपने घनिष्ठ मित्र के साथ दिल्ली में रहता था। बरसात का मौसम था और मेरे दोस्त को डेंगू के लक्षण दिखने लगे। उसकी जोड़ों में दर्द होने लगा, बुखार आने लगा और त्वचा पर भी लाल लाल निशान आने लगे। यकीन मानिए उसे चलने में तक बहुत दिक्कत हो रही थी। हम अस्पताल गए और डॉक्टर ने भी डेंगू के शुरुआत होने की पुष्टि की।अस्पताल से घर आते हुए हमारे खाना खिलाने वाले भैया हमें मिले और उनने बताया कि अभी तो डेंगू की शुरुआत ही है, तुम चिंता मत करो मैं एक दिन में ही इसे सही कर दूंगा। उनने बताया कि इसमें बस हमें प्लेटलेट्स को कम नहीं होने देना है बस। और पपीते के पत्ते में अविश्वसनीय तरीके से प्लेटलेट्स बढ़ाने को क्षमता होती है। तो वो अगली सुबह मुझे अपने साथ ले गए और हम उनके किसी जानने वाले के घर से पपीते के कुछ पत्ते ले आए। फिर उनने मिक्सी में पत्तों का जूस निकाला(हल्का पानी मिलाकर)। और कपड़े से छानकर लगभग २ गिलास जूस मेरे दोस्त को पिलाया। इस जूस का स्वाद शायद अच्छा नहीं होता तो उनने नाक बंद करके पीने का सुझाव दिया। इसके बाद उनने कहा कि जितना ज्यादा हो सके आराम करना। पूरे दिन मेरा दोस्त आराम से लेटा रहा और आप विश्वास नहीं करेंगे शाम होते होते उसके जोड़ों का दर्द गायब था। और वो काफी अच्छा भी महसूस कर रहा था। और अगले दिन के लिए तो वो एकदम सही ही हो गया। विश्वास करना थोड़ा कठिन है लेकिन सच में ऐसा ही हुआ था।